ब्रह्मा जी को क्यो पूजा नही जाता है

ऐसे कहा जाता है कि ब्रह्मांड की रचना ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने किया है।  शृष्टि की रचना ब्रह्मा द्वारा की गयी है।  ब्रह्मा ने एक-एक जीव का निर्माण  किया है। जैसे मनुष्य या जानवर या आदि। आखिर ऐसे भगवान जो एक रचेता है और जिनका दर्जा इतना ऊपर है फिर भी उनका पूजा क्यों नहीं की जाता है?

पूरे दुनिया में ब्रह्मा जी के केवल गिने चुने ही मंदिर है जिसमे से एक भारत में पुष्कर में है जो अजमेर, राजस्थान में है। यह मंदिर सबसे पुराना और प्राचीन है। ब्रह्मा जी से ही वेद ज्ञान का प्रचार हुआ उनके चार चेहरे, चार भुजाये और चारों भुजा में एक-एक वेद है। परंतु बहुत है ही कम संप्रदाय है जो उनके आराधना करते है। उनकी पूजा न होने की सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य कारण मैं इस लेख में साझा करूँगा।

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Pushkar lake where lotus of lord Brahma came down on earth

एक बार ब्रह्मा जी को सृष्टि के कल्याण के लिए धरती पे यज्ञ करनी थी। यज्ञ के चुनाव करने के लिए अपने बांह से कमल को धरती पे भेजा। वो कमल राजस्थान के पुष्कर में गिरा। इस पुष्प के गिरने से यहां तालाब का निर्माण हुआ और ब्रह्मा जी ने इसी स्थान को यज्ञ के लिए चुना। यज्ञ के लिए  ब्रह्मा जी के पत्नी का उपस्तिथ होना अनिवार्य था। परंतु ब्रह्मा जी की पत्नी समय पे नही पहुंच सकी । यदि यज्ञ समय पर नही होती तो इसका लाभ नहीं प्राप्त होता।

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समय निकला जा रहा था इसलिए ब्रह्मा जी ने एक स्थानीय ग्वाला से विवाह कर लिया और यज्ञ में बैठ गए। यज्ञ आरंभ होने के कुछ देर पश्चात उनकी पत्नी वहां पहूँची और अपने स्थान पर किसी दूसरी स्त्री को देख क्रोधित हो उठी। और वो ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया कि सम्पूर्ण पृथ्वी पर तुम्हारी पूजा नही होगी और कोई भी व्यक्ति तुम्हे पूजा के समय याद नही करेगा।

सावत्री जी को इतने क्रोधित में देख सभी देवता डर गए और सबने सावित्री से विनती की वो अपना श्राप वापस ले ले। जब सावित्री जी के क्रोध शांत हुआ तब उन्होंने कहा की जिस स्थान पर आपने यज्ञ किया है केवल उसी स्थान पर आपका मंदिर बनेगा।

इस कारण केवल पुष्कर में है ब्रह्मा जी को पूजा जाता है। ऐसा मान्यता है की क्रोध शांत होने के पश्चात देवी उनके पास है स्थित पहाड़ी पर तपस्या में लीन हो गयी और आज भी वहां उपस्थित है और अपने भक्तो की मनोकामना को पूर्ण करती  है।

पुष्कर का ब्रह्मा जी मंदिर का मंदिर काफी प्रशिद्ध है। अजमेर आने वाले यात्री या भक्त इस मंदिर तथा तालाब और देवी सावत्री मंदिर का दर्शन आवश्य करते है।

इस मंदिर के आलावे भी यहां देखने को बहुत कुछ है जो मैने दूसरे आर्टिकल में साझा किया है  साथ ही अजमेर भी घूमने में काफी आनंद पूर्ण है।

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